रोशन साहब चाहते थे कि इस गाने की धुन कुछ ऐसी तैयार की जाए कि वो अलग अलग आवाजों में उतनी ही सुंदर लगे. लिहाजा उन्होंने इस गाने को शास्त्रीय राग मारू बिहाग की जमीन पर तैयार किया थाfrom Latest News संस्कृति Firstpost Hindi https://ift.tt/2JD6DqS
रोशन साहब चाहते थे कि इस गाने की धुन कुछ ऐसी तैयार की जाए कि वो अलग अलग आवाजों में उतनी ही सुंदर लगे. लिहाजा उन्होंने इस गाने को शास्त्रीय राग मारू बिहाग की जमीन पर तैयार किया था
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